श्री बाबूलाल जमुनादास राठौर (पी.ए. साहब) ने दि0 20 जुलाई 2008 को दाऊजी महाराज की एतिहासिक पावन नगरी हाथरस में अखिल भारतीय राठौर महासभा के सम्मेलन में शताब्दी समारोह मनाने का ज्ञापन सौंपा। विचारोपरान्त महासभा ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया। समारोह मनाने का सौभाग्य संयोगवश आगरा (उत्तर प्रदेश) को मिला। इस आयोजन का उद्येश्य यह था कि इससे राजनैतिक, सामाजिक क्षेत्रों में राठौर क्षत्रिय समाज का एक गौरवमयी संदेश जायेगा , समाज की प्रतिष्ठा बढ़ेगी, वर्तमान व आने वाली पीढिंयों को नई ऊर्जा मिलेगी और उनका उत्साहवर्द्धन होगा। हर कोई , समाज की इस एकता को आश्चर्य भरी नजरों से देखेगा।
दिनांक 20 दिसम्बर 2009 को आगरा में आयोजित, अखिल भारतीय राठौर क्षत्रिय महासभा के शताब्दी समारोह के उत्सव की शुभ बेला में श्री बाबूलाल जमुनादासजी राठौर का उद्बोधन इस प्रकार था,- ’’समाज को उजाला देते हुए बुझे दीपकों, विशेषकर स्व. मान. श्री धनलालजी सीहोर, महासभा के सदाबहार मंत्री जिनकी आत्मा ही महासभा थी, को मैं कोटिशः नमन करता हूं, इनका कार्यशील जीवन वन्दनीय है ऊँचे और सच्चे आदर्श आज भी समाज सृजन के पथ को आलोकित कर रहे हैं। देश के समाज बंधुओं को और समारोह के आयोजकों, खासतौर से सर्व श्री जगदीशजी शताब्दी समारोह अध्यक्ष, प्रेमनारायणजी उ.प्र. प्रांतीय अध्यक्ष, अभयनारायणजी, महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं प्रधान संपादक ‘स्मारिका’, तथा मान. श्री हरिशकर जी संरक्षक, जिनकी महासभा घड़कन है, का भी मैं अभिनंदन करता हूं, कोटिशः बधाइयां देता हूँ वर्तमान अध्यक्ष मान. श्री किशनसिंहजी ने महासभा की छत्रछाया में पल्लिवित ‘राठौर’ संस्कृति को अक्षुण्ण बनाये रखने के हित में चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में अडिग रहकर, जिस शुचिता, दृढ़ता और निष्ठा का परिचय दिया और महासभा के मूल व संवैधानिक स्वरूप को सलामत रखा, यह काबिले तारीफ है। उनके प्रतिनिधित्व में अटूट विश्वास उनकी परिपक्वता और मजबूती का ही फल है। उन्हें ”शताब्दी पुरूष”के रूप में सम्मानित किया जा रहा है, इस अवसर पर उन्हें बधाई देता हूँ तथा स्व. श्री दुलीचंदजी पूर्व महासभा अध्यक्ष, जिनका महासभा को हमेशा आत्मीय और उल्लेखनीय योगदान प्राप्त होता रहा, की धर्मपत्नी, श्रीमती यशोदा देवी (समाज रत्न) महासभा की वरिष्ठ संरक्षिका, को भी सम्मानित किये जाने के लिये महासभा से अनुरोध करता हूँ’’।
महासभा की संगठित टीम के अथक परिश्रम का रचनात्मक सफरनामा:-
- सन 1926 में डिंडेारी यज्ञोत्सव में प्रयाग व काशी के 240 विद्धान पंडितों/शास्त्रियों की उपस्थिति में मंडला सेन्ट्रल प्रोविन्सेज राज्य के समस्त राठौरों का जनेऊ संस्कार,
- 1928 में बांध्यदेश के महाराजाधिराज गुलाबसिंह जी रीवा ने राठौरों को ठकुरायस की मान्यता,
- सन 1940 में रीवा नरेश द्वारा श्री गोगासिंह राठौर को दरबार में राजपूत सरदारी की पदवी से नवाजा,
- पटना (1940) और नागपुर (1942) में अ.भा.क्षत्रिय महासभा के अधिवेशनों में, राठौरों की भागीदारी,
- ग्वालियर में (जनवरी व अक्टूबर 1941) राजपूत सेवा संघ तथा जून 1949 में मध्य भारत क्षत्रिय (राजपूत) महासभा में भागीदारी,
- लखनऊ (उ0प्र0) में (अगस्त 1942) प्रान्तीय क्षत्रिय सभा में भागीदारी,
- जबलपुर (दिसम्बर 1947) में मध्य प्रान्तीय एवं विदर्भ क्षत्रिय महासभा अधिवेशन में भागीदारी,
- मद्रास अब चेन्नई (जून 1948) में दक्षिण भारत राजपूत कांफ्रेन्स में भागीदारी,
- पन्ना (जनवरी 1951) में क्षत्रिय-राजपूत की विषेष सभा में भागीदारी,
- ललितपुर में (जून 1978) राजपूत महासभा अधिवेशन (नेतृत्व स्व. श्री दुलीचंदजी राठौर, तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष को राठौरों कोभागीदारी/प्रतिनिधित्व/सदस्यता दी तथा राठौरों के क्षत्रिय होने की मान्यता दी गई,
- फरवरी 1968 को चित्तौड़ में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा की हीरक जयंती में हमारे बंधुओं के प्रतिनिधि मण्डल (सर्वश्री दुलीचंदजी, अनोखेसिंहजी खण्डवा, सत्यपालसिंहजी हिंगोली व गिरधारीलालजी पूना) को सम्मान दिया,
- जुलाई 1978 में ग्वालियर में दुलीचंदजी की ही अध्यक्षता में सम्पन्न हमारी अ.भा. राठौर (क्षत्रिय) महासभा के अधिवेशन में दुर्गादास राठौर की जयंती प्रतिवर्ष मनाने और उनकी प्रतिमा स्थापित करने का प्रस्ताव पारित किया गया। इस सम्मेलन में श्री जगदीशजी एडवोकेट आगरा महामंत्री उपस्थित थे। इस प्रस्ताव का स्वागत देश भर ने किया। गांवों से लेकर शहरों में जयंती समारोह उत्साहपूर्वक व धूमधाम से आज भी मनाया जा रहा है, जगह-जगह प्रतिमा स्थापना हुई है। जबलपुर, भोपाल, इन्दौर, शिवपुरी, भिण्ड, फिरोजाबाद (उ.प्र.) और ग्वालियर में अश्वारोही प्रतिमायें स्थापित हो भी चुकीं हैं।
- वर्ष 1980 में सागर सम्मेलन में श्री दुलीचंदजी ने ”राठौर क्षत्रिय शोध संस्थान” की स्थापना प्रो. श्री रामगोपाल राठौर कानपुर एवं डा. श्रीदेवीसिंहजी राठौर के प्रभार में की थी। प्रोफेसर साहब ने ”राठौर जाति के इतिहास”की रचना की, जिसमें सिद्ध किया कि राठौर – क्षत्रिय वंशीय हैं। यह इतिहास बहुत ही लोकप्रिय है।
- अगस्त 2003 में, भारत सरकार के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय नई दिल्ली में तात्कालीन उप राष्ट्रपति माननीय श्री भेंरोंसिंहजी शेखावत की अध्यक्षता में, उप प्रधान मंत्री मान. श्री लालकृष्ण आडवाणी द्वारा वीर दुर्गादास राठौर की स्मृति में उनके चिन्हांकित स्मारक सिक्कों के लोकार्पण समारोह में महासभा को ससम्मान भागीदारी दी गई। वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष मान. श्री किशनसिंहजी राठौर (समाज रत्न) ने इस कार्यक्रम में हमारे प्रतिनिधि मण्डल सर्वश्री हेमराजजी राष्ट्रीय महामंत्री, राठौर बंधु पत्रिका परिवार, ओंकार प्रसाद जी, अशोक कुमारजी, चंद्रप्रकाशजी, गोपालदासजी, के अलावा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष देवीलालजी (समाज रत्न) शिवपुरी , दामोदरजी, हरिबाबू राठौर सुभाषपुरी ग्वालियर, हरिशंकरजी नागपुर, और बाबूलाल जमुनादास जी महासभा के संरक्षक, ग्वालियर का नेतृत्व किया था। इसमें श्री गोपालदासजी के लघु भ्राता श्री पुरूषोत्तमदास जी जबलपुर ‘को-ऑर्डिनेटर’ थे, जिनकी भूमिका अग्रणी थी। इन उपलब्धियां में हमारे जनकों का प्रभाव दिखाई देता है, यह महासभा की परिपक्वता का ही प्रमाण है।
अखिल भारतीय राठौर क्षत्रिय महासभा के अभी तक के पदाधिकारीगण—
जबलपुर 1939
- अध्यक्ष- डा. श्री नर्मदाप्रसाद सिंह, जबलपुर
- जनरल सेकेट्री – श्रीनन्दलाल जी, झाँसी
- कोषाध्यक्ष- श्री भैयालाल राठौर, झाँसी
सीहोर 1963
- अध्यक्ष- श्री सत्यपाल सिंह, हिंगोली
- महामंत्री- श्री धनलाल, सीहोर
- कोषाध्यक्ष- श्री भगवान दास, भोपाल
सागर 1964
- अध्यक्ष- सेठश्री दुलीचन्द राठौर, सागर
- महामंत्री- श्री धनलाल, सीहोर
- कोषाध्यक्ष- श्री शंकर लाल, जबलपुर
इन्दौर 1970
- अध्यक्ष- श्री सत्यपाल सिंह
- महामंत्री- श्री धनलाल, सीहोर
- कोषाध्यक्ष- श्री नन्नू लाल, भोपाल
ओंकारेश्वर 1975
- अध्यक्ष- श्री सत्यपाल सिंह, हिंगोली
- महामंत्री- श्री जगदीश प्रसाद, एडवोकेट,आगरा
- कोषाध्यक्ष- श्री मुकुन्द लाल, रायपुर
सागर 1978
- अध्यक्ष- सेठश्री दुलीचन्द राठौर, सागर
- महामंत्री- श्री जगदीश प्रसाद, एडवोकेट,आगरा
- कोषाध्यक्ष- श्री मुकुन्द लाल, रायपुर
शिवपुरी 1981
- अध्यक्ष- सेठश्री दुलीचन्द राठौर, सागर
- महामंत्री- श्री प्रभुदयाल, मुँगावली
- कोषाध्यक्ष- श्री नन्दलाल आर्य, सीहोर
जबलपुर 1985
- अध्यक्ष- श्री किशन सिंह राठौर, सागर
- महामंत्री- श्री प्रकाश राठौर, ग्वालियर
- कोषाध्यक्ष- श्री नन्द लाल आर्य, सीहोर
ललितपुर 1990
- अध्यक्ष- श्री किशन सिंह राठौर, सागर
- महामंत्री- श्री मंगल सिंह, फिरोजाबाद
- कोषाध्यक्ष- श्री नन्द लाल आय, सीहोर
लखनऊ 1994
- अध्यक्ष- श्री किशन सिंह राठौर, सागर
- महामंत्री- श्री कीर्ति प्रकाश, लखनऊ
- कोषाध्यक्ष- श्री गाोपाल दास, जबलपुर
सागर 2002
- अध्यक्ष- श्री किशन सिंह राठौर, सागर
- महामंत्री- श्री हेमराज, भोपाल
- कोषाध्यक्ष- श्री गोपाल दास, जबलपुर
भोपाल 2014
- अध्यक्ष (प्रभारी)- श्री हेमराज, भोपाल
- महामंत्री(प्रभारी)- श्री अभय नारायण, कानपुर
- कोषाध्यक्ष- श्री गोपाल दास, जबलपुर
भोपाल 2016
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अध्यक्ष- श्री रतन सिंह राठौर, इन्दौर, MOBILE NO.9827061040
महामंत्री- श्री देवीलाल राठौर, शिवपुरी,
कोषाध्यक्ष- श्री चुलेश्वर सिंह राठौर, जाँजगीर, छत्तीसगढ,
रतलाम, मध्य प्रदेश 2023
अध्यक्ष- श्री देवीलाल राठौर शिवपुरी MOBILE NO. 9827065135
महामंत्री- श्री मनोज राठौर भोपाल
कोषाध्यक्ष- श्री के.जी. राठौर गुना
महासभा का पंजीयन क्रमांक– 23064/1992
ध्येय वाक्य – ‘’संघे शक्ति कलयुगे’’
ध्वज गान – ‘’नील गगन में झूम–झूम के……………
……………………. प्रणाम उसको आज हमारा’’|
मुख पत्र – ‘’राठौर बंधु ’’ मासिक पत्रिका,जो जबलपुर, मध्य प्रदेश,भारत से प्रकाशित होती है |
मुख्यालय-78 गाँधीनगर, शिवपुरी म.प्र.,भारत ,
[अ.भा.रा.क्ष.म.स्मारिका एवं दैनंदनी से साभार]